Low Level Language क्या है?, यह कितने प्रकार का होता है?

आज की इस पोस्ट में हम आपको Low Level Language के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले हैं जैसे Low Level Language क्या है Low Level Language कितने प्रकार के होते हैं Low Level Language का उपयोग क्या है इत्यादि।,

कंप्यूटर की दुनिया में कोडिंग करना एक सामान्य बात हो गई है इसी क्रम को आगे बढ़ाने हेतु Low Level Language का उपयोग किया जाता है। Low Level Language की मदद से कई प्रकार की कोडिंग किया जा सकता है, जिसके बारे में हम आपको किस आर्टिकल में आगे बताने वाले हैं तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।

Low Level Language क्या है?

Low-level language एक प्रकार की कंप्यूटर programming भाषा है जो कम्प्यूटर की संरचना और मशीन कोड के स्तर पर सीधे आधारित होती है। यह भाषा मशीन भाषा (machine language) या एसेंबली भाषा (assembly language) के रूप में जानी जाती है।

Low-level language में विशेष युक्तियाँ होती हैं जो कंप्यूटर की संरचना को अधिक समझने और control करने में मदद करती हैं। इसमें कंप्यूटर की प्रोसेसर, रजिस्टर, मेमोरी और अन्य हार्डवेयर control किए जाते हैं।

Low-level language के दो प्रमुख रूप होते हैं:

1# मशीन भाषा (Machine Language): मशीन भाषा, जिसे मशीन कोड भी कहा जाता है, वह भाषा है जिसमें आधुनिक कंप्यूटर द्वारा सीधे समझी जाने वाली direction की जाती है। यह एक बाइनरी कोड होता है जिसमें केवल 0 और 1 का उपयोग किया जाता है। मशीन भाषा में direction के लिए आपको हार्डवेयर के लेवल पर कोड लिखना पड़ता है, जिससे कंप्यूटर direction को समझ सके।

2# एसेंबली भाषा (Assembly Language): एसेंबली भाषा एक low-level symbolic language है, जो मशीन भाषा की एक बेहतर रूपांतरण है। इसमें संख्याओं और चरक्तियों के संकेत का उपयोग किया जाता है, जिससे लिखना और समझना आसान होता है। एसेंबली भाषा भी direction के लिए हार्डवेयर के लेवल पर लिखी जाती है, लेकिन इसमें आपको मशीन भाषा की तुलना में कुछ समझदार conditional और अन्य संरचनाओं का उपयोग करके लिखने की सुविधा होती है।

Low-level language programming को बहुत ज्यादा टाइम और मेहनत की आवश्यकता होती है, और यह बड़े और संशोधित प्रोजेक्ट्स के लिए उपयुक्त नहीं होती है।

इसमें एक छोटी सी गलती भी आपके प्रोग्राम को पूरी तरह से खराब कर सकती है। इसके लिए उच्च स्तरीय programming भाषाएं जैसे C, C++, Python आदि उपयुक्त होती हैं जो प्रोग्रामर्स को अधिक सुविधा प्रदान करती हैं।

Low Level Language के प्रकार

Low Level Language के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित होते हैं:

  1. मशीन भाषा (Machine Language): मशीन भाषा एक प्रकार की लो-लेवल भाषा है जो कंप्यूटर की संरचना और प्रोसेसर द्वारा सीधे समझी जाने वाली direction कोड होती है। इसमें कंप्यूटर के प्रोसेसर द्वारा सीधे चलाए जाने वाले binary number या एक्सेडेसबल नंबर होते हैं जिन्हें मशीन कोड कहते हैं। मशीन भाषा बहुत कठिन होती है, और इसे इंस्ट्रक्शन सेट के रूप में प्रकट किया जाता है।
  2. एसेंबली भाषा (Assembly Language): एसेंबली भाषा एक और प्रकार की लो-लेवल भाषा है, जो मशीन भाषा का एक उच्चतर रूपांतरण होती है। इसमें संख्याओं और चरक्तियों के संकेतों का उपयोग किया जाता है, जिससे लिखना और समझना आसान होता है। एसेंबली भाषा भी मशीन भाषा की तुलना में direction कोड लिखने में सहायक होती है।
  3. मनकोड (Machine Code): मनकोड एक प्रकार का लो-लेवल भाषा है जिसमें आपसी संबंधों को समझने में कठिनाई होती है। यह एक विशेष टेक्स्ट फॉर्मेट का उपयोग करके बनाया जाता है जो मशीन कोड के साथ संबंधित होता है। मनकोड programming लैंग्वेज को हमारे अंग्रेजी भाषा के शब्दों से लिखा जाता है, जिससे उसे समझना आसान होता है।

ये थे Low Level Language के प्रमुख प्रकार, जिनमें से मशीन भाषा सबसे कठिन और मशीन कोड के समूह को सीधे समझने के लिए उपयुक्त होती है, वहीं एसेंबली भाषा उसे समझने में मदद करती है, जबकि मनकोड एक पंगु और विशेषतः formatted language होता है जिसे हम बेहतरीन तरीके से समझते हैं।

Low Level Language की विशेषता

Low Level Language की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
  1. direction कोड: Low Level Language में programming के लिए आपको मशीन या प्रोसेसर के स्तर पर सीधे direction कोड लिखना पड़ता है। इसमें programming भाषा के अधिकतर भाषाओं से अलग तरीके से विश्लेषण और समझने की आवश्यकता होती है।
  2. बाइनरी या हेक्साडेसिमल प्रतिनिधि: Low Level Language में प्रोग्राम को बाइनरी (0 और 1) या हेक्साडेसिमल (16 के आधार पर) आकृति में प्रस्तुत किया जाता है, जो कंप्यूटर के विशेष direction कोड के साथ संबंधित होती है।
  3. नियंत्रण की अधिकता: Low Level Language का उपयोग करके आप आपके प्रोग्राम के सारे पहलू जैसे कि मेमोरी और रजिस्टर द्वारा control कर सकते हैं। इससे आपको कंप्यूटर के संरचना और कामकाज को समझने में मदद मिलती है।
  4. पोर्टेबिलिटी की कमी: Low Level Language प्लेटफ़ॉर्म और हार्डवेयर के साथ गहरे रूप से संबंधित होती है, जिससे प्रोग्राम्स को अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म्स पर पोर्ट करने में कठिनाई होती है।
  5. टाइम-कंस्यूमिंग: Low Level Language में programming करने में ज्यादा समय और मेहनत की जरूरत होती है, क्योंकि यह एक उच्च स्तर के भाषाओं की तुलना में अधिक जटिल होती है।
  6. बजट के साथ संबंधित: Low Level Language में programming करने के लिए उच्चतम स्तर के तकनीकी संसाधनों की जरूरत होती है, जिससे इसके बजट अधिक हो सकता है।

Low Level Language उन प्रोग्रामर्स और डेवलपर्स के लिए उपयुक्त होती है जो कंप्यूटर की संरचना और कार्यप्रणाली को गहराई से समझते हैं और सीधे हार्डवेयर के साथ काम करना चाहते हैं। इससे वे programming और सिस्टम लेवल की चुनौतियों का सामना करते हैं और कंप्यूटर के नियंत्रण को समझते हैं। हालांकि, बहुत से डेवलपर्स उच्च-स्तरीय programming भाषाएं।

Low Level Language के लाभ (Advantages):

  1. direction नियंत्रण: Low Level Language में प्रोग्रामर को कंप्यूटर की संरचना को समझने में मदद मिलती है और प्रोसेसर, मेमोरी, रजिस्टर आदि को सीधे control करने की अनुमति देती है। इससे प्रोग्रामर को अधिक नियंत्रण और अनुकूलता मिलती है।
  2. गति और कारगरता: Low Level Language में लिखे गए प्रोग्राम्स का इंटरप्रिटेशन और एक्सीक्यूशन ज्यादा तेजी से होता है, क्योंकि यह कंप्यूटर के हार्डवेयर से सीधे समझे जाने वाले कोड होता है।
  3. प्रोग्राम की छोटी आकार: Low Level Language में लिखे गए प्रोग्राम्स की आकार बहुत छोटी होती है जिससे संगठित और लचीले प्रोग्राम्स बनाने में सुविधा होती है।
  4. प्रदर्शन के अधिक नियंत्रण: Low Level Language में प्रोग्रामर को प्रदर्शन के अधिक नियंत्रण होता है, जिससे उन्हें और बेहतर प्रदर्शन मिलता है।

Low Level Language के हानि (Disadvantages):

  1. कठिनता: Low Level Language में programming करना बहुत कठिन हो सकता है, क्योंकि इसमें binary number और अधिकतर अध्यात्मिक कंसेप्ट्स का उपयोग किया जाता है, जो नए प्रोग्रामर्स के लिए असान नहीं होते हैं।
  2. पोर्टेबिलिटी कमी: Low Level Language प्रोग्राम्स को अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म्स पर पोर्ट करने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि यह भाषा हार्डवेयर के साथ गहरे रूप से संबंधित होती है।
  3. विकास की कठिनाई: Low Level Language में programming बहुत समय और मेहनत की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह भाषा ज्यादा जटिल होती है।
  4. डिबगिंग की कठिनाई: Low Level Language में प्रोग्राम की डिबगिंग करना भी कठिन हो सकता है, क्योंकि बग की खोज करना और सही करना जटिल होता है।
  5. maintenance कठिनाई: Low Level Language में लिखे गए प्रोग्राम्स को maintain करना भी जटिल हो सकता है, क्योंकि इसमें प्रोग्राम की संरचना को समझने में अधिक कठिनाई होती है।

इन सभी लाभों और हानियों को ध्यान में रखकर, programming के लिए Low Level Language का उपयोग करना बेहद विवेकपूर्ण होता है। अधिकांश प्रोग्रामर्स उच्च-स्तरीय programming भाषाओं का (जैसे C, C++, Python, Java आदि) उपयोग करके अपने प्रोजेक्ट्स को बनाते हैं, जो उन्हें अधिक उच्च स्तर की सुविधा प्रदान करती हैं।

Low Level Language को उपयोग कैसे करे?

Low Level Language को उपयोग करके programming करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. हार्डवेयर का अध्ययन: पहले, Low Level Language का उपयोग करने से पहले, कंप्यूटर या अन्य हार्डवेयर की संरचना और कार्यप्रणाली का अध्ययन करें। इससे आपको प्रोसेसर, मेमोरी, रजिस्टर आदि के संरचना और कामकाज को समझने में मदद मिलेगी।
  2. Low Level Language का अध्ययन: मशीन भाषा और एसेंबली भाषा को समझें और इसे अध्ययन करें। मशीन भाषा में direction कोड को समझने के लिए आपको binary number का ज्ञान होना आवश्यक है, जबकि एसेंबली भाषा में आप संख्याओं और चरक्तियों के संकेत का उपयोग करते हैं।
  3. IDE और टूल्स का चयन: Low Level Language में programming करने के लिए उपयुक्त IDE (Integrated Development Environment) और टूल्स का चयन करें। IDE आपको संपादन, डिबगिंग, और कंपाइल करने की सुविधा प्रदान करता है।
  4. प्रोग्राम लिखें: अपने IDE में प्रोग्राम लिखें और इसे मशीन भाषा या एसेंबली भाषा में अनुवाद करें। इसमें programming भाषा के अनुसार direction कोड को लिखें और सिस्टम या अन्य हार्डवेयर को control करने के लिए आवश्यक कमांड्स दें।
  5. कंपाइल और रन: प्रोग्राम को कंपाइल करें और रन करें ताकि आप उसे अपने कंप्यूटर पर चला सकें। Low Level Language के प्रोग्राम को कंपाइल करने के लिए आपको कमांड लाइन उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं जैसे कि एसेंबलर और डिसअसेंबलर।
  6. डिबगिंग: प्रोग्राम को डिबग करें ताकि आप बग्स और त्रुटियों को सुधार सकें। डिबगिंग टूल्स और तकनीक का उपयोग करके आप प्रोग्राम में होने वाली त्रुटियों को पकड़ सकते हैं और उन्हें ठीक कर सकते हैं।

Low Level Language में programming करना काफी जटिल होता है और इसके लिए अधिक ज्ञान और अभ्यास की आवश्यकता होती है। इसलिए, यह programming की एक उच्चतम स्तर है, और नए प्रोग्रामर्स के लिए यह अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यदि आप programming की शुरुआत कर रहे हैं, तो आपको सबसे पहले उच्च-स्तरीय programming भाषाओं (जैसे C, C++, Python, Java आदि) का अध्ययन करना सुझाया जाता है, और बाद में आप Low Level Language में programming की विधि का अध्ययन कर सकते हैं।

Low Level Language and High Level Language में अंतर :

यदि आपने बीटेक वगैरा या कम्प्यूटर का कोर्स किया है तो आपने जरूर इसके बारे में सुना होगा कि लो लेवल लेंग्वेज और हाई लेवल लेंग्वेज क्या होती है।

Low Level Language में मशीन कोड व अस्मेबली लेंग्वेज दोनों होते हैं, इसको लो लेवल लेंग्वेज इसलिये कहा जाता है कि क्योंकि इसमें कोड करना कठिन होता है, क्योंकि हमें वह कंट्रोल नहीं दे पाता है जिसे हम आसानी से कोड नहीं कर पाते। यानी हम इसे लो लेवल लेंग्वेज इसलिये कहते हैं, क्योंकि हमें इसमें ज्यादा कंट्रोल नहीं मिल पाता है। मतलब यह मशीन पर निर्भर लेंग्वेज है।

High Level Language – जब पाइथन, जावा आदि की बात करते हैं तो यह सब हाई लेवल लेंग्वेज हैं, यदि आप पाइथन, जावा वगैरा के बारे में जानते हैं तो आपको पता होगा कि इसमें कोड करना कितना आसान होता है। यह आपको कम्फर्ट कंट्रोल देता है जिसकी मदद से आप आसानी से कोडिंग कर सकते हो। यह मशीन पर निर्भर ना होकर, बल्कि इसमें यूज किया जाता है कम्पायलर का। जिसको समझना आसान हो जाता है।

Low Level Language  High Level Language
difficult to Understand and useEasy to Understand and use
Complex to changeEasy to Change
difficult to maintainsimple to maintain
complex to debugeasy to debug
this is machine dependent languagethis is not machine dependent language
example Machine Code and CPU Example Paythan and Java

निष्कर्ष

उम्मीद है आपको यह पोस्ट Low Level Language क्या है?, यह कितने प्रकार का होता है?, पसंद आया होगा और आपके लिए हेल्पफुल भी रहा होगा।

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