e-RUPI कैसे काम करता है और इसके फायदे और नुकसान

आज के समय में टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है, दिन प्रतिदिन नए नए एप्स, वेबसाइट और एआई मशीन बनाया जा रहा है। पहले जो काम महीनों में किया जाता था आज वह टेक्नोलॉजी की मदद से कुछ घंटों में पूरा कर लिया जाता है।

दुनिया के विभिन्न देश टेक्नोलॉजी के मामले में तरक्की कर रहे हैं ऐसे में भारत कहां पीछे रहता भारत भी लगातार नए-नए टेक्नोलॉजी का उद्गम कर डिजिटल क्षेत्र में दुनिया में अपना नाम ऊंचा कर रहा है। e-RUPI भी इसी का एक हिस्सा है। इस पोस्ट में हम जानेंगे e-RUPI क्या है?, कैसे काम करता है और इसके फायदे।

हम सभी जानते हैं कि इंटरनेट की दुनिया में वित्तीय लेन-देन का समय बदल गया है और ई-कॉमर्स व्यापार में बदलाव हो रहा है। भारत में डिजिटल पेमेंट्स के उभरते चेहरे में एक नया चेहरा है – “e-RUPI “।

यह नवीनतम डिजिटल पेमेंट ऐप है जिसका उपयोग भारतीय सांख्यिकी को बढ़ावा देने, नकद पर आधारित लेन-देन को रेडी और बेहतर बनाने, और देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए विकसित किया गया है। इस लेख में, हम e-RUPI के काम के बारे में विस्तार से जानेंगे।

e-RUPI क्या है?

e-RUPI एक पूरी तरह से डिजिटल भुगतान ऐप है, जिसे नागरिक वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ने मिलकर विकसित किया है। यह ऐप भारत में व्यापार, सरकारी खाते, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और सभी वित्तीय संबंधित लेन-देन को संभव बनाता है। इसका उद्देश्य वित्तीय समावेशीकरण को बढ़ावा देना है और सभी नागरिकों को डिजिटल भुगतान के लाभ से जोड़ना है।

देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने यह सुविधा 2 अगस्त को चलाई थी E RUPI से पहले जो डिजिटल पेमेंट करने का तरीका था उससे कही अलग है यह एक गिफ्ट कार्ड की तरह है जिसे ग्राहक अपनी जरुरत के अनुसार प्रयोग करता है इसमें एक खास बात है के इसको इस्तेमाल करने के लिए ग्राहक को इंटरनेट या आपके पास बैंक अकाउंट उस समय है या नहीं कोई जरुरी नहीं है  E RUPI से पेमेंट करने के लिए यह आपको एक बाउचर के रूप में मिलता है और  जिसमे  E RUPI  को आप SMS या QR कोड से भी पेमेंट कर सकते है ।

पहले क्या होता था कि बारटल सिस्टम होता था, जैसे गेहूं के बदले सेब लेना, या किसी ओर चीज के बदले कोई ओर चीज लेना, फिर उसके बाद सिक्के चलने लगे, उसके बाद नोट चलन में आये, फिर डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं आने लगी, उसके बाद क्रेडिट कार्ड, ऑनलाइन पेयमेंट की सुविधाएं आदि आने लगी। और अब रूपये का नया रूप आ चुका है जिसका नाम है डिजिटल करेंसी।

आरबीआई द्वारा इसका पायलट प्रोजेक्ट कई महिने पहले ही शुरू किया जा चुका है और जानकारों का मानना है कि यदि सब कुछ सही तरीके से चलता रहा तो आने वाले समय में लेन-देन की मुद्रा डिजिटल रूपया ही होगी और आप जो फिजिकल रूपये का इस्तेमाल करते हो वह धीरे धीरे समाप्त हो जायेगा।

आरबीआइ्र द्वारा जो पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है उसे दो हिस्सों में बांट दिया है एक रिटेल तो दूसरा होलसेल। रिटेल का प्रयोग दिन-प्रतिदिन के लेन देन में किया जायेगा, जबकि होलसेल का प्रयोग बड़ी वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जायेगा।

पायलट प्रोजेक्ट का मतलब होता है कि सरकार अभी इसकी टेस्टिंग कर रही है, ये सीमित लोगों के बीच ही इसका इस्तेमाल किया जायेगा, इसमें देखा जायेगा, कि क्या कमी है, कहां सुधार करना है। यह पायलट प्रोजेक्ट 4 शहरों(दिल्ली, मुंबई, भुवनेश्वर, बैंगलुरू) में शुरू की गयी है और यदि यह सही रहा तो इसको पूरे देश में बढ़ा दिया जायेगा।

डिजिटल करेंसी कैश का डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है यानी जो आपके पास पैसे है यह उनका डिजिटल फॉर्म है। इसका प्रयोग डिजिटल टोकन के रूप में होगा। और आरबीआई ही डिजिटल करेंसी को बनायेगा। इसका इस्तेमाल आप लेन-देन के रूप में कर सकते है, डिजिटल करेंसी की वहीं वैल्यु होगी जो पैसों की वैल्यु होती है।

आरबीआई के मुताबिक डिजिटल रूपी का लेन-देन बैंकों के जरिये होगा, बैंक यूजर्स को डिजिटल वॉलेट की सुविधा देंगे, इसी वॉलेट के द्वारा लोग डिजिटल टोकन में पेमेंट करेंगे और लोग एक-दूसरे को पेमेंट कर सकेंगे तथा क्यूआर कोड स्कैन करके भी पेमेंट करना संभव हो पायेगा यानी जैसे आप क्यू आर कोड के माध्यम से पेमेंट करते हैं उसी तरह डिजिटल रूपये में भी क्यूआर कोड के द्वारा पेमेंट कर सकते हैं। इसलिये इसके आने के बाद आपे फिजिकल पर्स ले जाने की जरूरत नहीं होगी।

 E RUPI वाउचर issue कौन करता है?

E RUPI  इस सिस्टम को NPCI के द्वारा UPI प्लेटफार्म के द्वारा चलाया गया है, इसके लिए कई बैंको से रिश्ता जोड़ा गया इसमें सरकारी और प्राइवेट बैंक भी शामिल है जबकि यह जरुरी नहीं कि जिस बैंक ने यह  e-RUPI जारी किया है।

वह बैंक इसको मान्य करे जबकि जिस व्यक्ति के पास आप  E RUPI जो बाउचर है वो भेजना चाहते है उसकी सारी जानकारी बैंक को उस ग्राहक के मोबाइल नंबर के साथ देनी होगी। इसके बाद बैंक मोबाइल नंबर से जो सर्विस से कांटेक्ट कर ग्राहक को सटिसफाइड करके उनके मोबाइल नंबर पर e-RUPI बाउचर भेज देगा।

e-RUPI काम कैसे करता है?

e-RUPI अपने उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित और आसान तरीके से डिजिटल पेमेंट्स करने का अवसर प्रदान करता है। इसका उपयोग करना बहुत सरल है। आइए देखें कि e-RUPI का काम करने कि प्रक्रिया क्या है:

  1. ऐप डाउनलोड और इंस्टॉल करें

पहले आपको e-RUPI ऐप को अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड और इंस्टॉल करना होगा। यह ऐप उपलब्ध है गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर, और आप इसे अपने डिवाइस में आसानी से स्थापित कर सकते हैं।

  1. रजिस्टर और लॉग इन करें

ऐप को सफलतापूर्वक इंस्टॉल करने के बाद, आपको अपनी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद, आपको अपने खाते में लॉग इन करने के लिए अपना पासवर्ड उपयोग करना होगा।

  1. भुगतान करें

अब आप अपने e-RUPI खाते में धन जोड़ने के लिए तैयार हैं। आप अपने खाते से बैंक खाते, ई-वॉलेट या डेबिट/क्रेडिट कार्ड को जोड़ सकते हैं। इसके बाद, आप ऑनलाइन या ऑफ़लाइन भुगतान करने के लिए अपने ई रुपी खाते का उपयोग कर सकते हैं।

  1. सुरक्षा और गोपनीयता

e-RUPI एप्लिकेशन एक उच्च स्तरीय सुरक्षा प्रौद्योगिकी के साथ आता है। आपके व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इस ऐप में आपकी गोपनीयता का ख्याल रखा गया है। इसके साथ ही, यह आधार-पंजीकृत बैंक खातों के साथ संबंध स्थापित करता है, जो आपको और अधिक सुरक्षित बनाता है।

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e-RUPI के लाभ:

अब हम देखेंगे कि e-RUPI का उपयोग करने से हमें क्या लाभ हो सकते हैं:

  • डिजिटल भुगतान का समर्थन

e-RUPI ने भारतीय नागरिकों को डिजिटल भुगतान करने की अवधारणा को बढ़ावा दिया है। यह भुगतान के क्षेत्र में नए और सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है जो उपभोक्ताओं को आसानी से विभिन्न खातों के बीच पेमेंट करने की अनुमति देता है।

  • सरल और आसान उपयोग

e-RUPI एक आसान और उपयोग में आने वाला ऐप है। यह उपयोगकर्ताओं को बिना किसी संख्या या पासवर्ड के भुगतान करने की अनुमति देता है। इसके लिए, आपको अपनी डिवाइस की छवि और आपकी आँखों की आईरिस का उपयोग करना होगा।

  •  डिजिटल अर्थव्यवस्था को समर्थित करना

e-RUPI के माध्यम से नकद पर आधारित लेन-देन को कम करके यह भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को समर्थित करता है। इससे वित्तीय समावेशीकरण को बढ़ावा मिलता है। 

  • ऑनलाइन भुगतान

e-RUPI आपको ऑनलाइन खरीददारी, वेबसाइट खुलासा, और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर भुगतान करने का विकल्प प्रदान करता है। यह आपको आसानी से और बिना किसी संख्या या पासवर्ड के भुगतान करने की सुविधा देता है।

  •  ऑफ़लाइन भुगतान

e-RUPI का उपयोग ऑफ़लाइन भुगतान के लिए भी किया जा सकता है। आप दुकानों, रेस्टोरेंट्स, गैस पंप, और अन्य व्यापारिक स्थानों में अपने खाते से भुगतान कर सकते हैं। इससे आपको नकद पर आधारित लेन-देन के लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है।

  •  ग्राहकों को छूट

व्यापारी और वित्तीय संस्थानों के लिए e-RUPI एक बड़ी सुविधा है क्योंकि इससे ग्राहकों को विभिन्न ऑफ़र और डिस्काउंट की पेशकश करके अधिकांश लाभ मिल सकता है। यह उपयोगकर्ताओं को ऑफ़र को आसानी से देखने और उन्हें सही समय पर प्रयोग करने की अनुमति देता है।

फी ना होना-

जब हम फिजिकल रूप से पैसे निकालते हैं तो हमें कुछ चार्ज देना होता है।

Payment ट्रेंकिंग-

इसमें पेयमेंट को ट्रेक करना आसान रहता है, हमनें कितना भुगतान किसको किया है, कितना पैसा यहां गया, कितना पैसा वहां गया है, इसका भुगतान कर पाओगे।

जैसा कि आपको मालूम है कि सरकार को नोटों को प्रिंट करने के लिये काफी पैसा देना होता है, साथ ही पैसे को एक बैंक से दूसरे बैंक में ले जाया जाता है तो इसमें कितना लॉजिस्टिक का यूज होता है, जिसमें काफी खर्चा होता है, बैंकों में स्टोरेज की जरूरत होती है।

ई रूपी के नुकसान-

सिक्युरिटी समस्या-

जिस तरह से डिजिटल बढ़ रहा है, उसी तरह सिक्युरिटी की भी समस्या बढ़ती जा रही है, और ऐसे में हैकर्स द्वारा नये नये तरीके निकाले जा रहे है, हैक करने के लिये । इसलिये हमें डिजिटल के लिये अपडेट होना बहुत जरूरी हो जाता है।

डिजिटल की हर जगह पहूंच ना होना-

जैसा कि आपको मालूम है कि आज भी भारत की ज्यादा तर आबादी गांवों में रहती है, जहां पर जागरूकता की कमी के चलते लोग डिजिटल का यूज नहीं कर पाते, यदि आप कहीं गांव में रहते है, या गांव में घूमने जाते हैं, तो आप पायेंगे कि जब आप किसी से कोई सामान खरीदते हो तो लोग तो आप उनसे फोन पे या गूगल वगैरा की बात करेंगे तो आप पायेंगे कि वे या तो उनके पास स्मार्टफोन नहीं है, या उनसे नहीं चलाना आता है।

लोन लेने में दिक्कत होना-

जब पैसा आपके वैलेट में रहेगा तो बैंक इस पर कंट्रोल नहीं कर पायेगी तो ऐसे में कैसे बैंक आपको लोन दे पायेगी। इसलिये लोन मिलने में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।

जब डिजिटल का रूप बढ़ेगा तो इससे बड़े ब्यापारी द्वारा कालाबाजारी का रूप तो देखने को मिलेगा साथ ही इससे बड़े स्तर पर भी मिसयूज हो सकता है, जैसे आतंकवाद जैसी गतिविधियों द्वारा इसका गलत उपयोग किया जा सकता है।

डिजिटल करेंसी की जरूरत क्यों:-

RBI का डिजिटल करेंसी को लाने का मकसद है कि क्रिप्टोकरेंसी से जो खतरा उत्पन्न हो रहा है उससे निपटना। जब 2009 में बिटकॉइन आयी तो उस वक्त इससे ज्यादा खतरा नहीं था,

लेकिन जैसे ही क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ा है तो इससे केन्द्रीय बैंकों ओर और ज्यादा खतरा उत्पन्न होने लगा।

और यदि किसी देश में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दी जाये तो केन्द्रीय बैंक करेंसी सप्लाई से कंट्रोल खो सकता है, साथ ही ऐसी भी चिंताएं जताई जा रही है कि क्रिप्टोकरेंसी मौद्रिक नीति को प्रभावित कर सकती है।

डिजिटल करेंसी को इसलिये भी लांच किया गया है कि यह डिजिटल इकॉनमी को मजबूती प्रदान करेगा और करेंसी सिस्टम को भी मजबूती प्रदान करेगा और साथ ही यह करेंसी को ट्रेक भी किया जा सकता है।

नेटवर्क मार्केटिंग क्या है?, इसके प्रकार व इसमें कैरियर कैसे बनाये?

डिजिटल मार्केटिंग क्या है?, इसके प्रकार और इसमें कैरियर कैसे बनाये?

FAQs

प्रश्न 1: ई-रुपया और डिजिटल पेमेंट्स के बीच अंतर क्या है? 

उत्तर: ई-रुपया एक डिजिटल पेमेंट का एक रूप है। यह एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो भारत सरकार द्वारा जारी की जाती है।

प्रश्न 2: ई-रुपया का प्रयोग किस तरह की सुरक्षा सुनिश्चित करता है?

उत्तर: ई-रुपया एक सुरक्षित भुगतान प्रणाली है।  आपके लिए सुरक्षित रूप से भुगतान की प्रक्रिया को संचालित करता है। इसमें विशेषज्ञता से डिज़ाइन की गई तकनीक होती है जो आपकी प्रायोजनाओं को सुरक्षित रखती है।

प्रश्न 3: ई-रुपया का उपयोग कैसे करें?

उत्तर: आप अपने ई-रुपया खाते में धन जमा करके या अपने बैंक खाते से इसे भरकर इसे उपयोग कर सकते हैं। इसे आप ऑनलाइन खरीददारी, बिल भुगतान, ई-कॉमर्स वेबसाइटों, ट्रेवल और होटल बुकिंग, और विभिन्न सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

निष्कर्ष

उम्मीद है आपको यह पोस्ट e-RUPI क्या है?, कैसे काम करता है और इसके फायदे, पसंद आया होगा और आपके लिए हेल्पफुल भी रहा होगा। यदि आप किस प्रकार के बेहतरीन पोस्ट पढ़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट मैं उपलब्ध अन्य पोस्ट को जरूर पढ़ें इसके अलावा यदि आपको पोस्ट पसंद आया है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर जरूर करें। इस पोस्ट से संबंधित अगर आपके मन में कोई विचार यह सवाल हो तो हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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