आज से कुछ साल पहले जब इंटरनेट अस्तित्व में नहीं था तब लोगों को अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए विभिन्न तरीके आजमाने पढ़ते थे। जैसे कि पोस्टर ,पंपलेट ,अखबारों में विज्ञापन, टेलीविजन पर ऐड ,रेडियो पर ऐड इत्यादि। इन सब से भी कई बार ऐसा होता था कि ग्राहक ज्यादा इंप्रेस नहीं होते थे।
धीरे-धीरे इंटरनेट आने की वजह से व्यापारियों ने अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग का तरीका बदल दिया। इंटरनेट आने की वजह से जहां खरीदारी ऑनलाइन माध्यम से होने लगी वही खरीदारी करने के लिए लोगों को लुभाना भी ऑनलाइन माध्यम से होने लगा।
डिजिटल मार्केटिंग क्या है?
जैसे-जैसे सर्च इंजन मार्केटिंग, सोशल मीडिया का विकास हुआ है, तब से ही डिजिटल मार्केटिंग जैसा शब्द अस्तित्व में आया है। डिजिटल मार्केटिंग एक प्रकार की मार्केटिंग स्ट्रेटजी है जिसमें प्रोडक्ट को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रचारित किया जाता है।
जैसा कि हम आम तौर पर देखते हैं लोगों के हाथों में आजकल मोबाइल और इंटरनेट काफी सुलभ तरीके से उपलब्ध होता है ,वही लोग कुछ भी खरीदारी करने से पहले एक बार ऑनलाइन माध्यम से उस चीज के बारे में जरूर ढूंढते हैं अथवा प्राइस कंपेयर करने के लिए भी जरूर ऑनलाइन माध्यम का सहारा लेते हैं। यहीं से डिजिटल मार्केटिंग प्रोसेस शुरू होता है।
लोगों के हाथ में आए स्मार्टफोन और इंटरनेट का पूरा लाभ डिजिटल मार्केटिंग स्ट्रेटेजी उठाती है। यहां प्रोडक्ट्स का प्रचार प्रसार इंटरनेट के माध्यम से किया जाता है।
आप डिजिटल मार्केट का बाजार ना केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में इसका बाजार बढ़ रहा है आज ज्यादातर एड डिजिटल फॉर्म में चलती है। लोग डिजिटल मार्केट में इसलिये ज्यादा जाना चाहते हैं कि हम सोशल मीडिया का प्रयोग बहुत ज्यादा करते हैं, और सब लोग टेलीविजन, रेडियो वगैरा से शिफ्ट होकर सोशल मीडिया पर आ गये हैं।
इसलिये आज के दौर में डिजिटल मार्केटिंग बहुत ज्यादा पोपुलर हो चुका है। साथ ही इसमें हम कई करियर के ऑप्शन भी देख सकते हैं, व इसके फुल टाइम और पार्ट टाइम के लिये यूज कर सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग को आसान भाषा में समझ सकते हैं कि किसी भी चीज की ऐड चलाना व किसी भी चीज की डिजिटल मार्केटिंग करना को ही हमने डिजिटल मार्केटिंग का नाम दे दिया है। मार्केटिंग किसी भी तरह की हो सकती है जैसे सर्च इंजन पर, वेबसाइट पर, सोशल मीडिया पर, ईमेल द्वारा या ऐप्स के माध्यम से आदि।
डिजिटल मार्केटिंग करने के लाभ
डिजिटल मार्केटिंग करने के लाभ भी व्यापारियों को ढेर सारे मिलते हैं ,
- डिजिटल मार्केटिंग पूरानी तरह की मार्केटिंग से काफी सस्ती होती है, जैसे यदि आप आखबार या मेगजीन में कोई ऐड निकालते है तो काफी पैसे देने होते हैं, लेकिन वहीं आप डिजिटल रूप से ऐड निकालते हो तो बहुत कम पैसे देने होते हैं,
- साथ ही जितनी ज्यादा ओडिएंस हमें सोशल मीडिया देगी शायद ही कोई पुरानी तरह से की गयी मार्केटिंग हमें इतनी बड़ी ओडिएंश दे पायेगी जैसे आखबार, मेगजीन आदि।
- डिजिटल मार्केटिंग के द्वारा ओडिएंश को टारगेट किया जा सकता है जैसे यदि आप किसी टीवी चेनल पर एड चलाते हो तो वह सभी देखेंगे चाहे वह एड उनसे संबंधित है या नहीं, लेकिन डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से हम जिनके लिये ये ऐड है उनको ही टारगेट किया जा सकता है।
- डिजिटल मार्केटिंग के द्वारा फीडबेक आना बहुत सरल हो गया है, पहले फीडबेक आने का कोई सटीक आंकड़ा नहीं हुआ करता था।
- इसके द्वारा आपको ट्रेकिंग करने में काफी आसानी होती है, कितने लोग आ रहे है, कितने लोग नहीं आ रहे हैं आदि को ट्रेक कर सकते हो।
- जैसे कि डिजिटल मार्केटिंग शुरू करने के लिए व्यापारियों को ज्यादा इन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं पड़ती।
- यह मार्केटिंग स्ट्रेटजी आसानी से लोगों तक पहुंचाई जा सकती है।
- डिजिटल मार्केटिंग में जब मन चाहे तब आप प्रोडक्ट कैंपेनिंग में बदलाव कर सकते हैं। डिजिटल मार्केटिंग ग्राहकों को रिझाने में काफी काम आता है।
- डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से रिव्यू आसानी से इंटरनेट पर उपलब्ध होने की वजह से ग्राहक पोटेंशियल बायर जरूर बन जाता है।
- डिजिटल मार्केटिंग की वजह से ग्राहक फिजिकल रूप से बाजार जाने से बच जाता है और उसे एक ही जगह पर सारे उत्पाद मिल जाते हैं जहां वह अपना मनपसंद उत्पाद अपने मनपसंद दाम पर खरीद पाता है।
डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार
डिजिटल मार्केटिंग आज के दौर में एक बेहतर मार्केटिंग जरिया बन चुका है। जहां इंटरनेट के माध्यम से ग्राहकों तक अपना प्रोडक्ट पहुंचाना काफी आसान हो गया है। डिजिटल मार्केटिंग विभिन्न प्रकार से हो सकती है।
जैसे कि ,
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन : सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन को हम SEO के नाम से भी जानते हैं। यह एक ऐसा माध्यम होता है जहां आप वेबसाइट पर किसी प्रोडक्ट का नाम टाइप करते हैं और सर्च करने के लिए क्लिक करते हैं तो सर्च इंजन पर टॉप सर्च परिणाम में जिस प्रोडक्ट के सर्च यूज़र की संख्या सबसे ज्यादा होती है वह सबसे ऊपर दिखाई देता है।
इसीलिए डिजिटल मार्केटिंग में व्यापारी अपने डिजिटल कैंपेन को कीवर्ड और seo गाइडलाइंस के मुताबिक बनाते हैं ताकि उपभोक्ता जब सर्च इंजन पर किसी भी प्रोडक्ट का कीवर्ड टाइप करें तो उनका प्रोडक्ट सबसे ऊपर दिखाई दे।
Social media: Social media के माध्यम से भी डिजिटल मार्केटिंग संभव हो पाती है। जैसे कि आजकल लगभग प्रत्येक व्यक्ति फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट इत्यादि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस्तेमाल कर रहा है। यहां आमतौर पर व्यक्ति अपने विचार और अपना पर्सनल डाटा शेयर करते हैं। लोगों के बढ़ते इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के क्रेज़ की वजह से इन प्लेटफार्म पर भी आजकल विज्ञापन दिखाई देते हैं।
AI के आ जाने की वजह से आप जिस उत्पाद को गूगल पर सर्च करते हैं वह सारे उत्पाद आपको फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम लिंक्डइन के एडवर्टाइजमेंट में भी दिखाई देते हैं। इस प्रकार डिजिटल मार्केटिंग सोशल मीडिया के द्वारा भी लोगों को अपनी और खींच रहा है।
Email marketing : ईमेल मार्केटिंग काफी पुराना डिजिटल मार्केटिंग का तरीका है। यहां आपको ईमेल के माध्यम से कंपनियां नए ऑफर सेल, clearance sale ,seasonal sale इत्यादि के बारे में बताती रहती। यहां आमतौर पर आपको प्रत्येक ऑफर के लिए ईमेल भेजा जाता है इसीलिए इसे ईमेल मार्केटिंग कहते हैं।
YouTube channel: आज कल यूट्यूब भी एंटरटेनमेंट की जगह इंफॉर्मेशन प्लेटफार्म बन गया है। जहां काफी सारे उत्पादक अपने प्रोडक्ट की एडवर्टाइजमेंट सीधा ग्राहक को तक पहुंचाते हैं। आमतौर पर किसी भी वीडियो से पहले आपको इस प्रकार की प्रोडक्ट मार्केटिंग एड युटुब पर दिखाई देती होंगी। यह भी डिजिटल मार्केटिंग का एक प्रकार है।
Affiliate Marketing : एफिलिएटिड मार्केटिंग ब्लॉग ,वेबसाइट और लिंक के माध्यम से मार्केटिंग करने का एक तरीका है। यहां आप जब किसी ब्लॉग या वेबसाइट पर किसी आर्टिकल को पढ़ रहे होते हैं तो उस पर प्रोडक्ट लिंक अपलोड किया होता है। उस लिंक पर क्लिक करने के पश्चात जब ग्राहक दिखाई दिए प्रोडक्ट को खरीदता है तो ब्लॉग और लिंक अथवा वेबसाइट के लिए कंटेंट लिखने वाले व्यक्ति को मेहनताना मिलता है। यह भी डिजिटल मार्केटिंग का एक उभरता हुआ प्रकार है।
Apps Marketing : आजकल ऐप बनाना काफी आसान हो गया है। काफी सारी कंपनियां अपने सारे प्रोडक्ट एक एप के द्वारा लोगों तक उपलब्ध कराती हैं। इस ऐप के माध्यम से लोग उस कंपनी द्वारा बनाये गए विभिन्न प्रोडक्ट देख सकते हैं तथा ऑनलाइन माध्यम से खरीद भी सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग में करियर
जैसे जैसे समय बदल रहा है डिजिटल मार्केटिंग एक उभरते करियर सोर्स के रूप में सामने आ रहा है। आजकल कई सारे ऐसे इंस्टिट्यूशन है जो डिजिटल मार्केटिंग का कोर्स करवा रहे हैं। इन कोर्सेस के माध्यम से छात्र डिजिटल मार्केटिंग में अपना करियर भी बना सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं।डिजिटल मार्केटिंग कोर्सेज के लिए विभिन्न सिलेबस भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ऐसे ढेर सारे इंस्टिट्यूट है जो डिजिटल मार्केटिंग कोर्स को पाठ्यक्रम में शामिल कर रहे हैं।
डिजिटल मार्केटिंग कोर्सेज आप ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों माध्यम से कर सकते हैं। आप गूगल के फ्री सर्टिफाइड कोर्स भी डिजिटल मार्केटिंग कोर्स का कंपलीशन कर सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो ऑफलाइन माध्यम से किसी बड़े इंस्टिट्यूट से भी यह कोर्स कर सकते हैं।
कोर्स की ड्यूरेशन
आमतौर पर डिजिटल मार्केटिंग का कोर्स 3 से 6 महीने का होता है। इसके अलावा यदि कोई छात्र चाहे तो डिजिटल मार्केटिंग में बैचलर का कोर्स कर सकता है जो 3 से 4 साल का होता है। वही यदि कोई छात्र डिजिटल मार्केटिंग में मास्टर्स का कोर्स करना चाहता है तो वह 2 साल के लिए पोस्ट ग्रैजुएट कोर्स कर सकता है।
गूगल आपको इस कोर्स को करने के लिए दो विभिन्न वेबसाइट उपलब्ध कराता है
- गूगल डिजिटल अनलॉक्ड
- गूगल स्किलशॉप
इन दोनों माध्यम से आप डिजिटल मार्केटिंग का कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स आप बिना फीस के सीख सकते है। कोर्स को खत्म कर लेने के पश्चात आपको गूगल की तरफ से सर्टिफिकेट भी दिया जाता है। हालांकि इस सर्टिफिकेट की अहमियत कॉलेज के सर्टिफिकेट के मुकाबले कम होती है। इस कोर्स की ड्यूरेशन 40 घंटे की होती है जिसमें 26 मॉड्यूल पढ़ने पड़ते हैं।
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नेटवर्क मार्केटिंग क्या है?, इसके प्रकार व इसमें कैरियर कैसे बनाये?
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स सिलेबस
डिजिटल मार्केटिंग के लिए आप मार्केटिंग सिलेबस में शामिल विभिन्न कोर्स भी कर सकते हैं जो निम्न प्रकार से हैं
- इंट्रोडक्शन टू डिजिटल मार्केटिंग
- Seo ऑप्टिमाइजेशन
- इंट्रोडक्शन टू सीआरएम
- ईमेल मार्केटिंग
- कम्पटीटर एंड वेबसाइट एनालिसिस
- मार्केट रिसर्च
- कंटेंट क्रिएशन
- मैनेजमेंट एंड प्रमोशन
- इंट्रोडक्शन टू वेब एनालिसिस
- मोबाइल मार्केटिंग
- सोशल मीडिया मार्केटिंग
- डिजिटल मार्केटिंग बजटिंग प्लानिंग एंड फोरकास्ट
- प्रोडक्ट मार्केटिंग
- एफिलिएट मार्केटिंग
- वेबसाइट डाटा एनालिसिस
- ऑप्टिमाइजेशन स्ट्रैटेजिस
- न्यूरोमार्केटिंग फंडामेंटल
डिजिटल मार्केटर बनने के लिए आवश्यक योग्यताए
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स में दाखिला लेने के लिए कैंडिडेट में निम्नलिखित योग्यता होनी आवश्यक है
- Digital marketing मैं बैचलर का कोर्स करने के लिए कैंडिडेट को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
- विदेश से डिजिटल मार्केटिंग में बैचलर करने के लिए कैंडिडेट का SAT या ACT उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
- यदि कोई कैंडिडेट डिजिटल मार्केटिंग में मास्टर्स का कोर्स करना चाहता है तो कैंडिडेट को किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर की डिग्री होना आवश्यक है।
डिजिटल मार्केटिंग में जॉब प्रोफाइल
उपरोक्त कोर्स करने के पश्चात यदि आप डिजिटल मार्केटिंग में करियर बनाना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित प्रोफाइल के अंतर्गत अपना करियर बना सकते हैं।
- कंटेंट मार्केटिंग
- कॉपीराइटर
- conversion rate Optimisation
- PPC manager
- Seo एग्जीक्यूटिव
- Sem मैनेजर
- E-Commerce manager
- analytical manager
- CRM एंड email marketing manager
- Web Designer , developer or digital marketing manager
- SEO Executive Manager
- SEM expert
डिजिटल मार्केटिंग जॉब ऑफर करने वाली कंपनी
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स कंप्लीट करने के पश्चात यदि आप चाहें तो आप निम्नलिखित कंपनीज़ में अपना करियर भी बना सकते हैं । डिजिटल मार्केटिंग में करियर बनाने के लिए निम्नलिखित कंपनियां अपने कंपनी में डिजिटल मार्केटर को जॉब देती है
- गूगल
- फेसबुक
- Iprospect India
- WATconsultant
- web chutney
- Mirum India
- quasar media
- Princetorm
- Istrat
- BBC webwise
डिजिटल मार्केटर की कितनी सैलरी होती है?
डिजिटल मार्केटिंग करने के पश्चात आप यह सोच रहे होंगे कि इसमें सैलरी कितनी मिलती है तो डिजिटल मार्केटिंग में जॉब प्रोफाइल और सैलरी निम्नलिखित तरीके से निर्धारित होती है।
- डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर
- 6-7लाख
- स्किन स्पेशलिस्ट
- 4-5 लाख
- सोशल मीडिया मैनेजर
- 5-6 लाख
- कंटेंट मार्केटिंग स्पेशलिस्ट
- 4-5 लाख
- एटीएम एनालिस्ट
- 3-4लाख
- Content writer
- 3-4 लाख
Difference between Digital marketing and Network marketing :
दोनों मार्केटिंग करने के तरीके हैं, मार्केटिंग में होता क्या है कि किसी भी प्रोडेक्ट के लिये तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण होती है, वे हैं- मैनुफेक्चर, मार्केटिंग, और ग्राहक।
किसी भी प्रोडेक्ट को ग्राहक तक पहूंचाने के लिये एक चैन बनाई जाती है, इसी के द्वारा प्रोडेक्ट की मार्केटिंग और ब्रांड बनायी जाती है।
नेटवर्किंग मार्केटिंग : नेटवर्किंग मार्केटिंग को डायरेक्ट बिजनेस भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें चैन ना के बराबर होती है, क्योंकि कम्पनी एक फ्रंचाइजी को बेचती है, वहां से आप प्रोडेक्ट को खरीद सकते हो।
ग्राहक ही नयी चैन का निर्माण करता है।
डिजिटल मार्केटिंग : जिस तरह से लोग डिजिटल की तरफ बढ़े हैं, उससे कम्पनियां अपने प्रोडेक्ट को डिजिटल रूप से मार्केटिंग कराने लगी इसी तरह डिजिटल मार्केटिंग का जन्म होता है।
डिजिटल मार्केटिंग में सोशल मीडिया का रोल बहुत ज्यादा होता है।
FAQs
प्रश्न: डिजिटल मार्केटिंग कोर्स कितने महीने का होता है
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स 3 से 6 महीने का होता है ।
प्रश्न: डिजिटल मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है
डिजिटल मार्केटिंग निम्नलिखित प्रकार की होती है
Seo मार्केटिंग ,सोशल मीडिया ,ईमेल मार्केटिंग यूट्यूब चैनल ,एफिलिएट मार्केटिंग।
प्रश्न: डिजिटल मार्केटिंग कोर्स की फीस कितनी होती है
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स की फीस 10000 से ₹60000 तक हो सकती है।
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