Li Fi Technology Kya Hai | Li Fi Technology in hindi

Li Fi Technology kya hai आज हम इसके बारे में विस्तार से जाने वाले हैं। आपने Wi Fi के बारे में तो जरुर सुना होगा और आप Wi Fi को इंटरनेट चलाने के लिए प्रयोग भी करते होंगे। परंतु आपने Li Fi का नाम बहुत ही काम सुना होगा Li Fi की मदद से भी आप इंटरनेट चला सकते हैं और यह Wi Fi से 100 गुना बेहतर होता है। इससे बहुत हाई स्पीड से इंटरनेट चलता है। परंतु इसे सामान्य जगह पर प्रयोग नहीं किया जाता। आज हम आपको बताने वाले हैं की लाइफ आई क्या है और इसे कहां पर प्रयोग किया जाता है।

Li Fi Technology kya hai

Li Fi की फुल फॉर्म Light Fidelity है। यह लाइट की मदद से आपको इंटरनेट प्रदान करता है। लाईफाई एक वायरलेसट्रांसफर टेक्नोलॉजी है इस टेक्नोलॉजी में रेडियो फ्रीक्वेंसी वेव की जगह पर visible light communication या फिर infrared या ultraviolet rays का इस्तेमाल किया जाता है। इस टेक्नोलॉजी में विजिबल लाइट का इस्तेमाल किया जाता है जिसमे लाइट बंद होती है और जलती है परन्तु इसे नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता।

Li Fi Technology Kam Kaise Karti Hai

Li Fi एक वायरलेस ट्रांसफर टेक्नोलॉजी है, इस टेक्नोलॉजी में radio frequency waves की जगह पर visible light communication या फिर infrared या ultraviolet rays का इस्तेमाल किया जाता है। इस टेक्नोलॉजी में विजिबल लाइट का इस्तेमाल किया जाता है जिसमे लाइट बंद होती है और जलती है परन्तु इसे नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता।

जैसा कि हमने आपको बताया Li-Fi technology से सिग्नल भेजे और received किये जाते है। यह सब काम प्रकाश की मदद से किया जाता है। आपको बता दे कि इस डिवाइस में led light होती है जीकी सिग्नल भेजने और प्राप्त करने लिए लाखों बार टिमटिमाती है। इस प्रकिर्या को हम अपनी आखों से नहीं देख सकते हमे सिर्फ एक लेजर लाइट ही दिखाई देगी।

lifi technology

Li-Fi Technology का प्रयोग कहाँ किया जाता है

Li fi technology, Wi-Fi technology से बहुत ही बेहतर है। इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग इंटरनेट और संदेश को भेजने के लिए किया जाता है। आपको बता दे कि इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग कोनसी जगह पर किया जाता है। जहां पर ऊंचे टावर लगाना नामुमकिन है, जैसे पहाड़ों के ऊपर या पहाड़ों के नीचे टावर लगाना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि वहां पर बिजली के तार बिछाना और वहां खुदाई करना बहुत ही मुश्किल होता है। परंतु Li fi technology के द्वारा ऐसी जगह पर टावर की जरूत नहीं पड़ती वहाँ इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके इंटरनेट की सुविधाओं का फायदा लिया जा सकता है।

Li Fi लगाने के लिए ऊँचे पहाड़ पर इसको फिक्स किया जाता है। इसमें 2 इंस्ट्रूमेंट होते हैं एक होता है रिसीवर और एक होता है ट्रांसफर। एक डिवाइस सिग्नल को रिसीव करता है और दूसरा डिवाइस सिग्नल को ट्रांसफर करता है। यानी की रिसीवर दूसरे टावर से सिग्नल को प्राप्त करके उस जगह पर ट्रांसफर करता है जहां पर उसे संदेश या फिर इंटरनेट की सुविधाओं को भेजना है।

lifi technology

Li Fi Technology का फायदा

LI FI टेक्नोलॉजी आने से उन क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा प्रदान की जा सकती है। जहां पर इंटरनेट टावर लगाना बिल्कुल नामुमकिन है। इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से कम खर्चे में इंटरनेट टावर का काम किया जा सकता है और यह बहुत आसानी और कम समय में हो जाता है।

जहां इंटरनेट टावर लगाने और तार बिछाने में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। वहीं वायरलेस LIFI तकनीक का उपयोग करके इंटरनेट सुविधाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक संचालित किया जा सकता है। इस तकनीक में लेजर लाइट की मदद से डेटा ट्रांसफर किया जाता है। और इसकी मदद से पहाड़ी दूर-दराज के इलाकों में बिना टावर लगाए इंटरनेट की सुविधा शुरू की जा सकती है।

इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके आपको बड़े-बड़े इलेक्ट्रिकल जनरेटर की जरूरत नहीं पड़ती है जैसा कि टावर के लिए जनरेटर और बड़ी बड़ी बैटरी का प्रयोग किया जाता है।

इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के लिए आप सोलर पैनल का भी प्रयोग कर सकते हैं और छोटी सी बैटरी से भी इसका काम चल जाएगा।

Li Fi Technology कितनी दूर तक सिग्नल को भेज सकती है?

li fi technology सिग्नल को15 किलोमीटर दूर तक भेज और रिसीव कर सकती है। इतनी दूरी पर इसमें कोई भी परेशानी नहीं आएगी। हालांकि इसमें कभी रिस्पांस टाइम की परेशानी आ सकती है।

लाईफाई और वाईफाई में क्या अंतर है?

पहलूWiFiLiFi
संचारडेटा transfer के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करता हैडेटा transfer के लिए प्रकाश तरंगों (दृश्य या इन्फ्रारेड) का उपयोग करता है
स्पेक्ट्रमरेडियो तरंग स्पेक्ट्रम में कार्य करता हैप्रकाश स्पेक्ट्रम (दृश्य या इन्फ्रारेड) का उपयोग करता है
कनेक्टिविटीदीवारों और बाधाओं को छेदकर, बाधाओं के बावजूद कनेक्टिविटी प्रदान करता हैसंचार के लिए प्रेषक और ग्राहक के बीच सीधी दृष्टि की आवश्यकता होती है
डेटा गतिमामूली से अधिक तक उच्च डेटा स्थानांतरण गतियां प्रदान करता हैप्रकाश स्पेक्ट्रम में अधिक बैंडविड्थ के कारण संभावित रूप से तेज़ डेटा स्थानांतरण गतियां प्रदान कर सकता है
कवरेज क्षेत्रब्रॉडर कवरेज क्षेत्र प्रदान करता हैउपकरणों के बीच स्पष्ट दृष्टि की आवश्यकता के कारण सीमित कवरेज क्षेत्र
विश्वसनीयताविभिन्न वातावरणों में सामान्य रूप से विश्वसनीय होता हैप्रकाश स्रोत उपलब्धता और बाधा के आधार पर विश्वसनीयता में सीमाएँ हो सकती हैं

 

LiFi के नुकसान (Disadvantages)

  • प्रकाश स्रोत के बिना आप इंटरनेट का उपयोग नहीं कर सकते, आपको हर बार light चालू करना होगा।
  • इसका उपयोग केवल एक कमरे के अंदर ही किया जा सकता है, दायरा सीमित है
  • प्रकाश होने के कारण यह दीवार में नहीं घुस सकता। इस कारण इंटरनेट सीमित स्थानों पर उपलब्ध है।
  • धूप की वजह से इंटरनेट स्पीड में रुकावट आने की आशंका है.
  • नए LiFi कनेक्शन के लिए एक अलग नेटवर्क बनाना होगा।
  • यह काफी महंगी तकनीक है।

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको यह समझने की कोशिश की है कि LiFi technology क्या है और यह कैसे काम करती हैं। यह आज के समय की नई टेक्नोलॉजी है। जिसमें डेटा को ट्रांसफर करने या सिग्नल को इधर से उधर भेजने के लिए बड़े-बड़े टावर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। इस टेक्नोलॉजी में लाइट की मदद से डाटा को ट्रांसफर किया जाता है। यदि आपको इस टेक्नोलॉजी से संबंधित और भी कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

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