मशीन लर्निंग क्या है?, यह कैसे काम करता है और इसका क्या उपयोग है?

इस लेख में मशीन लर्निंग के बारे में सभी जानकारी मिलेगी। जैसे मशीन लर्निंग क्या है?, इससे आपको फ्यूचर में क्या फायदा है और आपकी लाइफ में क्या महत्व है, यह एक टूल है जो अपने आप को समय के अनुसार बदल लेता है इससे आप एक ही समय में बहुत सरे काम कर सकते हैं। तो आईये जानते है।

अगर साधारण भाषा में समझे तो मशीन लर्निंग एक तरह की कंप्यूटर तकनीक है जिसकी हेल्प से प्रोग्राम को कंप्यूटर में डिज़ाइन  किया जाता है इसमें कंप्यूटर खुद ही  फैसले करता है और नयी-नयी चीजे सीखने के लिए एबिलिटी प्रदान करता है।

मशीन लर्निंग, जो कंप्यूटर साइंस के एक उपक्रम के रूप में विकसित हुआ है, एक तकनीक है जो कंप्यूटरों को स्वतंत्र रूप से सीखने की क्षमता प्रदान करती है। यह तकनीक एक प्रक्रिया है जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम को इस्तेमाल करके आवश्यकताओं और डेटा पर आधारित निर्णय लेता है।

मशीन लर्निंग आधुनिक तकनीकों में से एक है जो आजकल विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी है, जैसे कि वित्त, स्वास्थ्य सेवा, संचार, विपणन, और इंटरनेट खोज। आइये अब जानते है मशीन लर्निंग क्या है? 

मशीन लर्निंग क्या है?

मशीन लर्निंग के काम करने का मुख्य तरीका विशेषज्ञता से पारंपरिक प्रोग्रामिंग से अलग है। इसमें, एक कंप्यूटर मॉडल को डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है और फिर वह डेटा से सिखा जाता है कि वह आगामी डेटा में से पैटर्न और नियमों को समझ सकता है। इस प्रक्रिया के जरिए, मॉडल अपने निर्णयों को सुधारता है और नई जानकारी से समृद्ध होता है।

मशीन लर्निंग एक कम्प्यूटरीय प्रौद्योगिकी है जो कंप्यूटर को स्वतंत्र रूप से सीखने और अनुकरण करने की क्षमता प्रदान करती है। यह कंप्यूटर को आवश्यकतानुसार तकनीकी निर्णय लेने में सक्षम बनाता है जिससे वह डेटा से सीख सकता है और स्वयं को सुधार सकता है।

मशीन लर्निंग कैसे काम करता है?

मशीन लर्निंग एक ऐसी प्रक्रिया है जो डेटा पर आधारित निर्णय लेने की क्षमता सीखती है। हमारे मशीन लर्निंग सिस्टम द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले निर्णयों का स्रोत डेटा होता है, जिसे हम विश्लेषित करते हैं और फिर उसे अल्गरिदम के आधार पर निर्णय लेने के लिए प्रोग्राम के अंदर समाहित करते हैं। यह अल्गरिदम तकनीक के साथ सीखता है और नई जानकारी से निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त करता है।

मशीन लर्निंग इंसानों की तरह सोचने की कोशिश करता है, यह अपने पिछले अनुभव और पैटर्न के आधार पर सीखता है, साथ ही इसमें मानव का हस्तक्षेप शामिल होता है। इसका प्रयोग ऐसे कार्यां के लिये बहुत महत्वपूर्ण बन जाता है कि जिसमें मानव एलालिसिस नहीं कर पाता, मतलब यह ऐसे कामों को भी करने में सक्षम होता है जो इंसानों द्वारा छोड़ दिये जाते हैं।

मशीन लर्निंग में जो डेटा आता है वह वेबसाइट्स वगैरा से आती है वह इसके आधार पर समझता है, सीखता है, फिर एल्गोरिदम के लिये तैयार होता है जैसे डेटा को बनाना, डेटा को क्लीयर करना आदि शामिल है।

मशीन लर्निंग के उपयोग?

मशीन लर्निंग के विभिन्न उपयोगों में से कुछ निम्नलिखित हैं:

मशीन लर्निंग का उपयोग बड़े डेटा को सॉल्व करने के लिये किया जाना बहुत मत्वपूर्ण है जैसे किसी इंसान से बोल कर देखना की 999965865522 को 956447855221 से गुणा करे, तो ऐसे में वह इसको करने में बहुत समय लगा देगा और हो सकता है वह कर भी नहीं पाये, लेकिन वहीं यही काम किसी कम्प्यूटर से बोलोगे तो वह यह आसानी से व बहुत जल्दी कर पायेगा।

इसी तरह यदी हम किसी ट्रेन किये गये रोबोट की मदद से किसी विशेष जगह पर गाड़ी तो चलवा सकते हैं, लेकिन मानव की तरह वह हर जगह गाड़ी नहीं चला पायेगा।

इसी तरह बातचीत करने में कम्प्यूटर इतना सहज नहीं होता जितना कि दो मानव आपस में बात कर सकते है।

विपणन और विपणन

मशीन लर्निंग विज्ञापन विपणन और विक्रय के क्षेत्र में उपयोगी है। विज्ञापन विचारशील बनाने के लिए, विज्ञापन सामग्री को उपयुक्त लक्ष्य दर्शकों के लिए उपयुक्त बनाने के लिए मशीन लर्निंग अल्गरिदम प्रयोग किए जा सकते हैं। इससे विज्ञापन के प्रदर्शन की दर और विक्रय की दर में सुधार हो सकता है, जिससे उत्पाद बिकने की गति बढ़ सकती है।

स्वास्थ्य सेवा

मशीन लर्निंग स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी उपयोगी है। चिकित्सा विज्ञान में, यह बिग डेटा और उपयुक्त अल्गरिदम का उपयोग करके रोगों के निदान और उपचार में मदद कर सकता है। यह रोगी के रोग का पता लगाने में और उन्हें उपचार करने में सहायक हो सकता है।

मशीन लर्निंग भाषा अनुवाद के क्षेत्र में भी उपयोगी है। विभिन्न भाषाओं में विकल्प अनुवाद करने के लिए, मशीन लर्निंग अल्गरिदम उपयोग किए जा सकते हैं। इससे भाषा अनुवाद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है और लोगों को अलग-अलग भाषाओं में समाचार और जानकारी प्रदान करने में मदद मिल सकती है।

यूट्यूब –

आज हम यूट्यूब का इस्तेमाल बहुत ज्यादा करते हैं। इसमें हमने यह नोट किया होगा कि जो एड्स या सिफारिशें आती हैं वह सब मशीन लर्निंग के द्वारा ही आते हैं। और हमें जो चीज पसंद होती है उसी से संबंधित वीडियो या एड आती है। क्योंकि यह सब ऐसे होता है कि जब भी यूट्यूब पर कोई चीज सर्च करते है तो ऐसे में यूट्यूब हमारे पूरे डेटाबेस को रिकॉर्ड करता है। और डेटाबेस में मशीन लर्निंग का प्रयोग करके हमे यह वीडियो की शिफारिश करता है वह उसी से रिलेटेड एड भी देता है।

गूगल

जिस तरह से यूट्यूब में मशीन लर्निंग काम करती है उसी तरह गूगल में भी मशीन लर्निंग काम करती है। क्योंकि जिससे रिलेटेड हम किसी चीज को सर्च करते है उसी से रिलेटेड हमें एड देखने को मिलती है, यह एल्गोरिदम पर आधारित होता है और यह सब मशीन लर्निंग के द्वारा ही होता है।

फेसबुक-

क्योंकि आपने देखा होगा कि जब आप फेसबुक पर रजिस्ट्रेशन करते हो तो ऐसे में आपके दोस्त आपके सजेशन में आ जाते हैं क्योंकि फेसबुक आपके कान्टेक्ट के आधार पर यह सजेशन देता है क्योंकि फेसबुक आपके कॉन्टेक्ट का यूज करता है।

E- Commerce-

ई कॉमर्स में इसका प्रयोग किया जाता है जैसे आप अमेजन से कोई प्रोडेक्ट सर्च करते हो तो अमेजन में इस प्रोडेक्ट से रिलेटेड ओर भी चीजे देखने को मिल जायेंगी।

इसके अलावा बहुत सी जगहों पर मशीन लर्निंग का उपयोग होता है जैसे-

ईमेल,

Voice search,

face detection,

Google Map,

google products

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सुपरवाईज्ड और अनसुपरवाइज्ड मशीन लर्निंग

मशीन लर्निंग विभिन्न प्रकार की होती है, जिनमें सुपरवाईज्ड और अनसुपरवाइज्ड मशीन लर्निंग शामिल है।

सुपरवाईज्ड मशीन लर्निंग

सुपरवाईज्ड मशीन लर्निंग में, सिस्टम को एक लेबल या जवाब के साथ डेटा प्रदान किया जाता है। यह डेटा उदाहरण और उनके संबंधित लेबलों के साथ होता है। सिस्टम को शिक्षित किया जाता है कि जब वह नए उदाहरणों को प्राप्त करता है, तो वह उन्हें लेबल या जवाब के साथ सही तरीके से वर्गीकरण कर सकता है। सुपरवाईज्ड मशीन लर्निंग का उदाहरण है बिनारी वर्गीकरण, जिसमें एक सिस्टम को दो विभिन्न श्रेणियों में उदाहरणों को वर्गीकृत करना होता है।

अनसुपरवाइज्ड मशीन लर्निंग

अनसुपरवाइज्ड मशीन लर्निंग में, सिस्टम को डेटा के साथ लेबल या जवाब नहीं मिलता है। इसके बजाय, सिस्टम को विभिन्न ढंग से डेटा को समूहों में वर्गीकृत करना होता है ताकि सिस्टम खुद से उपयुक्तता ढंग से डेटा को समूहों में विभाजित कर सके। अनसुपरवाइज्ड मशीन लर्निंग का उदाहरण है क्लस्टरिंग, जिसमें विभिन्न समानता वाले डेटा को समूहों में वर्गीकृत किया जाता है।

मशीन लर्निंग का भविष्य

मशीन लर्निंग का भविष्य बहुत रोचक और उम्मीदवार है। तकनीकी उन्नति के साथ, हमारे पास और अधिक संचयित डेटा होगा और इससे अधिक उपयोगी जानकारी होगी। मशीन लर्निंग के अल्गरिदम भी और अधिक उन्नत होंगे, जिससे उन्हें और ज्यादा संवेदनशील और सटीक बनाया जा सकता है। भविष्य में, मशीन लर्निंग के उपयोग का विस्तार होगा और यह लोगों की जिंदगी में और अधिक उपयोगी होगा।

मशीन लर्निंग का उद्देश्य क्या है?

मशीन लर्निंग का उद्देश्य है कंप्यूटर या मशीनों को डेटा और अनुभव से सीखने की क्षमता प्रदान करना ताकि वे स्वयं से समस्याओं को समझ सकें, पैटर्न और नियमों को पहचान सकें और नए और अच्छे तरीके से काम कर सकें। इसके माध्यम से, हम उन्हें मानक नियमों और एल्गोरिदम्स का उपयोग करके नए डेटा पर निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करते हैं जिससे उनकी प्रदर्शन और कार्य क्षमता बेहतर होती है।

मशीन लर्निंग और AI में अंतर-

मशीन लर्निंग एआई का ही भाग है, लेकिन इनमें काफी अंतर होता है। मशीन लर्निंग में पहले हमें डेटा देते है, फिर वह इन डेटा के आधार पर पैटर्न के आधार पर सीखता है जैसे हम सिस्टम में पहले डेटा देते है, सीखाते हैं फिर मशीन लर्निंग पैटर्न विकसित करता है, और सीखता है।

मान लेते हैं कि हमने सिस्टम को एक घोड़े के बारे में बताया अब जब भी घोड़ा आयेगा तो वह पहचान लेगा, कि यह घोड़ा है, क्योंकि वह पहले से सीख चुका है, लेकिन यदि उससे हम कुत्ते के बारे में पूछेंगे तो वह नहीं बता पायेगा।

मशीन का मतलब यह हुआ कि आप सिस्टम में डेटा देते हो मशीन लर्निंग उसके अनुभव के आधार पर सीखता है और फिर आउटपुट देता है। इसका मतलब यह हुआ कि मशीन लर्निंग को जिस चीज को सीखाया जाता है वह उसी में एक्सपर्ट होता है। और भी आसान भाषा में उदाहरण ले सकते है कि हमने मशीन लर्निंग को क्रिकेट खेलना सीखाया है, तो वह क्रिकेट खेलने में एक्सपर्ट हो जायेगा, लेकिन हम उससे कहे कि वह फुटबॉल खेले तो वह नहीं खेल पायेगा।

जहां तक एआई की बात की जाये तो इसका मतलब होता है इंटेलिजेंस। यानी यह सब चीजों में एक्सपर्ट हो सकता है, मतलब यह इंसानों की तरह अपने इनपुट भी डाल सकता है।

एआई को जो डेटा मिलेगा वह उसको एनालिसिस करके अपन तरफ से एक्शन ले सकता है। जैसे इसको भी आसान भाषा में समझते है कि हम एआई को हॉकी खेलना सीखाया तो यह अपने इंटेलिजेंस के हिसाब से फुटबॉल वगैरा भी खेलना सीख सकता है।
इसलिये मशीन लर्निंग और एआई दोनों अलग अलग हैं मशीन लर्निंग छोटा कॉन्सेप्ट है जबकि एआई बड़ा कॉन्सेप्ट है।

FAQs

प्रश्न 1: मशीन लर्निंग क्या है?

उत्तर: मशीन लर्निंग एक विज्ञान है जो कम्प्यूटर सिस्टम को डेटा से सिखाने और अनुमान लगाने की तकनीक है। मशीन लर्निंग उन एल्गोरिदमों और सिस्टमों का उपयोग करता है जो स्वयं सीखने की क्षमता रखते हैं और नए डेटा से समस्याओं का समाधान करने में मदद करते हैं।

प्रश्न 2: मशीन लर्निंग के उपयोग क्या हैं?

उत्तर: मशीन लर्निंग के उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होते हैं। उदाहरण के लिए, वित्तीय सेवाएं, स्वास्थ्य सेवाएं, विपणन, संचार, विज्ञान, समाजशास्त्र, इंजीनियरिंग, और और भी अनेक क्षेत्रों में मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 3: नाइव बेस क्या है?

उत्तर: नाइव बेस एक सरल मशीन लर्निंग अल्गोरिदम है जिसे विशेष रूप से विश्वसनीयता और श्रेष्ठता की आधारित भविष्यवाणियों के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक आसानी से समझ में आने वाला अल्गोरिदम है, लेकिन इसका उपयोग कुछ खास प्रकार के डेटा और समस्याओं के लिए सीमित होता है।

प्रश्न 4: अधिकतम संभावना क्या है?

उत्तर: अधिकतम संभावना (Maximum Likelihood) एक अनुपरवाइज्द लर्निंग तकनीक है जो एक आकलनीय डेटा सेट में एक पैरामीटर या पैरामीटर्स के लिए सर्वाधिक संभावित मान का पता लगाने का प्रयास करती है। यह एक सामान्य अनुप्रयोग है और विभिन्न संदर्भों में उपयोगी होती है।

निष्कर्ष

इस लेख में हमने मशीन लर्निंग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की है। हमने यह देखा कि मशीन लर्निंग क्या है?, मशीन लर्निंग एक ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटरों को स्वतंत्र रूप से सीखने की क्षमता प्रदान करती है। हमने यह भी देखा कि मशीन लर्निंग के विभिन्न प्रकार हैं,

जिनमें सुपरवाईज्ड और अनसुपरवाइज्ड मशीन लर्निंग शामिल है। हमने मशीन लर्निंग के विभिन्न उपयोगों के बारे में भी विस्तार से बताया है, जैसे कि विपणन, स्वास्थ्य सेवा, और भाषा अनुवाद।

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